इस प्रश्न को विनिश्चित करना ऋणदाता संस्थानों के लिए है ।
2.
फिर भी जब मुख्यन्यायाधिपति मार्शल को यह प्रश्न विनिश्चित करना पड़ा कि क्या संविधान काजन्म जनता से हुआ है तो उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कहा कि न्यायालयइसके उद्धरण से परिसीमित है.
3.
इस वाद में विद्वान अवर न्यायालय को केवल यह तथ्य विनिश्चित करना था कि क्या विवादित सम्पत्ति के स्वामी व अध्यासन में वादी / अपीलार्थी थे, किन्तु विद्वान अवर न्यायालय द्वारा इस तथ्य को निर्णीत न करते हुए विक्रय विलेख 10क व नक्शा-नजरी के आधार पर विवादित मकान अक्षर क, ख, ग, घ के पश्चिम तरफ स्थित मकान दूधनाथ के स्थान पर प्रश्नगत विलेख की तिथि पर हुबलाल व भग्गू लाल का मकान नहीं था और इसप्रकार विद्वान अवर नयायालय ने प्रश्नगत मकान का स्वामी व काबिज वादी/अपीलार्थी को नहीं माना था।